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अर्जुन क्वाथ (अर्जुन की छाल)- Arjun Quath 100 gm

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अर्जुन क्वाथ के फायदे:-

  1. ह्रदय की सभी समस्याओं में अत्यंत ही लाभकारी है।
  2. ये बढे हुए खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने में बहुत ही फायदेमंद है।
  3. ये शरीर के रक्त को शुद्ध करता है।
  4. अर्जुन डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी सहायक है
  5. अर्जुन की छाल हाई बी पी को कम करने में सहायक है
  6. अर्जुन की छाल मुंह के छालों को ठीक करने में लाभदायक है
  7. क्षय रोग या तपेदिक के लक्षणों से आराम दिलाने में अर्जुन का औषधीय गुण काम करता है।
  8. अर्जुन छाल का काढ़ा या अर्जुन की छाल की चाय बनाकर पिलाने से बुखार से राहत मिलती है।
  9. अर्जुन का काढ़ा या अर्जुन की छाल की चाय बनाकर पीने से सूजन कम होता है।
  10. अर्जुन की छाल के चूर्ण को मधु में मिलाकर लेप करने से मुँहासों तथा व्यंग में फायदा मिलता है।

 

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Description

अर्जुन क्वाथ अर्जुन के पेड़ के छाल के द्वारा तैयार किया जाता है. अर्जुन छाल के अतिरिक्त इसमें और कुछ भी नहीं मिलाया जाता

काढ़ा बनाने का तरीका:-

इसे तैयार करने के लिए 1 चम्मच अर्जुन क्वाथ को लगभग 2 कप पानी में डालकर धीमी आंच पर उबालते हैं, जब काढ़ा आधा रह जाय तब उसे चाय की तरह पीना है. इसमें हम चीनी की जगह गुर या देसी खंड का इस्तेमाल कर सकते हैं

अर्जुन का परिचय:-

सदियों से आयुर्वेद में सदाबहार वृक्ष अर्जुन को औषधि के रुप में ही इस्तेमाल किया गया है। आम तौर पर अर्जून की छाल और रस का औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। अर्जून नामक बहुगुणी सदाहरित पेड़ की छाल यानि अर्जुन की छाल के फायदे का प्रयोग हृदय संबंधी बीमारियों , क्षय रोग यानि टीबी जैसे बीमारी के अलावा सामान्य कान दर्द, सूजन, बुखार के उपचार के लिए किया जाता है।

अर्जुन पेड़ का अर्जुन‘ नामकरण केवल इसके स्वच्छ सफेद रंग के आधार पर किया गया है। अर्जुन शब्द का संस्कृत में यौगिक अर्थ सफेद, स्वच्छ,  होता है। पांडवकुमार अर्जुन से इस पेड़ का कोई खास सम्बन्ध नजर नहीं आता। इस पेड़ के संस्कृत नामों में पार्थ, धनंजय आदि जो पर्यायवाची नाम दिए गए हैं, वे केवल वैद्यक काव्य अर्जुन शब्दार्थ बोधक शब्द की योजना करने के लिए ही दिए गए हैं और उनका कोई खास तात्पर्य नहीं मालूम होता है।

अर्जुन प्रकृति से शीतल, हृदय के लिए हितकारी, कसैला; छोटे-मोटे कटने-छिलने पर, विष, रक्त संबंधी रोग, मेद या मोटापा, प्रमेह या डायबिटीज, व्रण या अल्सर, कफ तथा पित्त कम होता है। अर्जुन से हृदय की मांसपेशियों को बल मिलता है, हृदय की पोषण-क्रिया अच्छी होती है। मांसपेशियों को बल मिलने से हृदय की धड़कन ठीक और सबल होती है। सूक्ष्म रक्तवाहिनियों (artery)  का संकोच होता है, इस प्रकार इससे हृदय सशक्त और उत्तेजित होता है। इससे रक्त वाहिनियों के द्वारा होने वाले रक्त का स्राव भी कम होता है, जिससे सूजन कम होती है।