कहते हैं संतुलित आहार विटामिन के बिना पूरा नहीं होता, अगर हमारे प्रतिदिन के भोजन से विटामिन को निकाल दिया जाये तो हमारे शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं. विटामिन कई प्रकार के होते हैं हर विटामिन अपनी उपयोगिता के लिए अपना एक अलग स्थान रखता है. आज हम इन्ही विटामिन के बारे में चर्चा करेंगे, और जानेंगे कि कौन सा विटामिन किन-किन चीजों में पाया जाता है और कौन सा विटामिन शरीर के लिए कितना आवश्यक है.
विटामिन ‘ए’
आँखों की रौशनी के लिए, हमारी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए, दांतों व हड्डियों की मजबूती के लिए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इसकी जरुरत होती है.
विटामिन ए की कमी से त्वचा रूखी और खुरदरी सी लगने लगती है. आँखों की रौशनी कम होती है. शरीर दुबला पतला हो जाता है और अधिक रौशनी सहन नही कर पाता है.
विटामिन ए हरी पत्तेदार सब्जियों, पपीता, गाजर, लाल टमाटर, मलाई, मक्खन, सोयाबीन और पिण्ड खजूर में पाया जाता है. इसलिए इन सभी चीज़ों का सेवन नियमिन रूप से करते रहना चाहिए.
विटामिन ‘बी’
शरीर के विकास, शरीर की सुडौलता और मांसपेशियों की मजबूती के लिए विटामिन बी बहुत ही उपयोगी होता है विटामिन बी से हमारे शरीर की पाचन क्रिया एक दम ठीक रहती है और त्वचा में स्निग्धता बनी रहती है.
विटामिन बी की कमी से भूख कम लगती है और इसकी कमी से ही खून की कमी, मुंह में छाले, पेट में जलन और त्वचा में रूखापन रहता है. होठों के किनारों में कटाओ हो जाता है.
विटामिन बी कई प्रकार के होते हैं जिन्हे बी 1, बी 2, बी 6 और बी 12 कहते हैं. और ये सभी विटामिनों को सामूहिक रूप से विटामिन बी काम्प्लेक्स कहते हैं.
मुख्य रूप से विटामिन बी हरी सब्जियों में, छिलके वाली मूंग की दाल में, चना, मूंगफली, चावल, गेहूं, शकरकंद, केला, मूली, टमाटर और मीठे फलों में मिलता है.
विटामिन ‘सी’
विटामिन सी हमारे दांतों की मजबूती के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही ये खून को साफ़ रखता है और त्वचा को निरोगी और पेट को साफ़ रखने में सहायता करता है.
इस विटामिन की कमी से मुंह से दुर्गन्ध आती है. दांत और मसूड़े खराब होना, दांतों में पायरिया होना, आमाशय में घाव होना, घाव जल्दी ठीक न होना और खून की कमी से त्वचा रोग होने का खतरा बना रहता है.
विटामिन सी अंकुरित अन्न, दालों में, हरी मटर, हरा धनिया, हरी मिर्च, मौसमी, आंवला, संतरा, नींबू और टमाटर में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
विटामिन ‘डी’
विटामिन डी हमारे शरीर के समुचित विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. ये हड्डियों के विकास, लम्बाई बढ़ाने और अस्थि क्षय को रोकने में मदद करता है.इसके अतिरिक्त विटामिन डी दांतों को सुन्दर और मजबूत बनाता हेयर और रक्त संचार को अन्तुलित रखते है.
विटामिन डी की कमी से बच्चों में सूखा रोग हो जाता है है, शरीर का रंग पीला हो जाता है, बाल झड़ने और जल्दी सफेद होने लग जाते हैं. इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है.
विटामिन डी दूध, मलाई, मक्खन पनीर और सूर्य की किरणों से प्रचुर मात्रा में मिलता है.
विटामिन ‘इ’
विटामिन इ ह्रदय को मजबूत बनाए रखता है और चेहरे की चमक को बनाए रखता है. ये विटामिन प्रजनन की शक्ति को बढ़ाता है और गर्भ धारण की क्षमता को भी बढ़ाता है.
विटामिन ए की कमी से बारबार गर्भपात होने की संभावना या गर्भधारण में मुश्कुल होती है. इसकी कमी से पुरुषों में नामर्दी, यौन दौर्बल्यता और ह्रदय रोग होने की संभावना बनी रहती है.
विटामिन ई वनस्पति तेल, दूध, अनाज, अंकुरित अन्न, केला सेब, सेहसुन, शहद, गाजर आदि से प्राप्त हो सकता है. सभी विटामिनो को संतुलित रूप से नियमित रूप से लेते रहने से हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं.